गर्भवती को हुई प्रसव पीड़ा तो चालक बस से उतारा, हाइवे किनारे हुई डिलवरी, बच्चे की मौत
उत्तराखण्ड में एक आठ माह की गर्भवती महिला ने ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे किनारे पर अपने बच्चो को जन्म दिया. समय पर मेडिकल सहायता न मिलने के कारण नवजात के कुछ ही देर में दम तोड़ दिया. महिला ने बच्चे को हाइवे किनारे जन्म दिया. इस दौरान हाईवे से कई वाहन गुजरे लेकिन किसी ने भी महिला की मदद नहीं कि.
चमोली जिले के घाट ब्लाक के घुनी गांव में रहने वाली नंदी देवी ने प्रसव के लिए श्रीनगर के बेस अस्पताल जाने के लिए बस से रवाना हुई. रास्ते में ही महिला को तेज दर्द होने लगा. इस दौरान उनके पति भी उनके साथ थे. वो लगातार महिला का ढांढस बढ़ा रहे थे. बस जैसे ही तिलणी पहुुंची महिल तेज दर्द के कारण चिल्लाने लगी. जिस पर बस चालक ने उन्हें बस से उतार दिया. इस दौरान परिचालक ने उनसे किराए को लेकर भी बदतमीजी की. इस दौरान बस में मौजूद किसी ने भी इनकी मदद नहीं कि.
बस से उतरते ही महिला क पति मोहन सिंह ने 108 पर कॉल कर दिया. महिला ने बसे से उतरने के कुछ ही मिनट बाद बच्चे को जन्म दे दिया. लेकिन सही समय पर इलाज न मिलने के कारण नवजात के दम तोड़ दिया.
महिला की स्थिति गंभीर
मोहन सिंह ने नवजात को वहीं हाईवे किनारे दफ्ना दिया. सूचना पाकर पहुंची एम्बुलेंस ने महिला को रुद्रप्रयाग के जिला अस्पलात में भर्ती कराया. अभी महिला की स्थिती सामान्य है.
इस पूरे मामले में महिला के पति ने कहा कि वह मंगलवार को अपनी पत्नी को गोपेशवर के जिला अस्पताल में लेकर गया था. जहां डाक्टरों ने जांच करने के बाद शाम 4 बजे उसे हायर सेंटर जाने को कहा. और एम्बुलेंस मागने पर अस्पताल प्रशासन ने एम्बुलेंस मुहैया नहीं कराई.
गोपेशवर जिला अस्पताल के सीएमएस ने बताया कि नंदी देवी को हायर सेंटर जाने की सलाह दी गई थी. साथ ही उन्होंने कहा कि उनके द्वारा एम्बुलेंस की मांग नहीं की गई थी.