जनरल कोटा: लोकसभा के बाद राज्यसभा का इम्तिहान पास कर पाएगी मोदी सरकार? समझिए राज्यसभा का गणित
आज यानि बुधवार को जनरल कोटा को लेकर मोदी सरकार की राज्यसभा में परीक्षा है. लोकसभा में बिल को मंजूरी दिलाकर सरकार ने पहली कड़ी तो पार कर ली है लेकिन राज्यसभा में संविधान संशोधन बिल को पारित कराना केंद्र सरकार का असली इम्तिहान होगा. उच्च सदन में एनडीए का बहुमत नहीं है, ऐसे में विधेयक पारित कराना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. जानकारी के मुताबिक विपक्षी दलों ने संसद परिसर में आज एक अहम बैठक भी है.
राज्यसभा- एक अहम परीक्षा
मंगलवार को बहुत ही आसानी से संविधान संशोधन बिल लोकसभा में पारित हो गया. मौजबद 326 सांसदों में से 3 सांसदों ने विरोध किया तो 326 सांसदों ने समर्थन लेकिन राज्यसभा में मौजूद सांसदों में दो-तिहाई सांसदों का समर्थन पाना चुनौती भरा हो सकता है.
राज्यसभा का गणित
राज्यसभा में 246 सदस्य हैं और अगर सभी सदस्य वोटिंग में हिस्सा लेते हैं तो बिल पास होने के लिए 164 वोटों की जरूरत पड़ेगी. विपक्ष यहां अपने दबदबे का इस्तेमाल कर सकता है. इसके अलावा जरुरी है कि कम से कम आधे से ज्यादा यानि 123 सदस्य मौजूद रहे और वोटिंग में हिस्सा लें.
कांग्रेस चल सकती है चाल
हालांकि कांग्रेस ने विधेयक का समर्थन किया था लेकिन एक बात याद रखने योग्य है कि लोकसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस ने मांग की थी कि बिल को सिलेक्ट कमिटी के पास भेजा जाए. तो अगर कांग्रेस राज्यसभा में पलटी मार जाती है तो वह एक गेम चेंजर भी बन सकती है. सिर्फ कांग्रेस ही नहीं विपक्षी दलों में डीएमके, एआईएडीएमके, समाजवादी पार्टी और दूसरे दल भी विरोध कर सकते हैं.
खास बात यह है कि अगर मोदी सरकार ने राज्यसभा की परीक्षा पास कर ली और 124वें संविधान संशोधन विधेयक को राज्यसभा में मंजूरी मिल गई तो राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा. इसके लिए आधे से ज्यादा राज्यों की विधानसभा से मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगी.