सावित्री बाई फुले का विवादित बयानों से है पुराना नाता
उत्तर प्रदेश के बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले ने बीजेपी से अपना इस्तीफा दे दिया. पार्टी से इस्तीफा देने से पहले सांसद ने बीजेपी पर कई आरोप लगाए. ऐसा पहली बार नहीं है कि सावित्री बाई फुले ने बीजेपी पर हमला बोला है. इससे पहले भी वो कई दफा अपने बयानों से पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर चुकी है. फिर चाहे वो हनुमान को मनुवादियों को गुलाम वाला बयान हो या फिर जिन्ना को श्रेष्ठ बताना. सावित्री बाई फुले अपने बयानो को लेकर हमेशा चर्चा का केंद्र बनी रही है.
‘हनुमान थे मनुवादियों के गुलाम’
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान अलवर में एक जनसभा के दौरान हनुमान को दलित बताया था. जिसके बाद सावित्री बाई फुले ने योगी के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि हनुमान दलित थे लेकिन मनुवादियों के गुलाम थे.
विवादीत स्थल पर बने बुद्ध का मंदिर
बीजेपी अयोध्या के विवादीत स्थल पर लगातरा राम मंदिर निर्माण की बात करती आई है. लेकिन सांसद ने 10 नवबंर को दिए अपने एक बयान में बुद्ध की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की थी. सावित्री बाई फुले ने कहा था कि विवादित स्थल में हुई खुदाई के दौरान जो अवशेषों नुकले थे वो बुद्ध से जुड़े अवशेष थे.
‘मोदी सरकार व योगी सरकार है दलित विरोधी’
सावित्री बाई फुले बीजेपी पर दलित विरोधी होने का भी आरोप लगाया. इसी साल अगस्त के महिने में उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि मोदी सरकार व योगी सरकार दलितों के हितों की अनदेखी करती कर रही है. उन्होंने कहा कि मोदी और योगी सरकार दलितों के हितो के मामले में 10 में एक भी अंक पाने की हकदार नहीं है.
‘मोदी सरकार खत्म करना चाहती है आरक्षण’
सावित्री बाई फुले ने मोदी सरकार पर प्रेस काफ्रेंस कर आरोप लगाया था कि मोदी सरकार आरक्षण खत्म करना चाहती है. अपने प्रेस काफ्रेंस में उन्होंने कहा था कि बहुजन समाज को प्रताड़ित किया जा रहा है. मोदी सरकार आरक्षण खत्म करने के लिए संविधान में संशोधन की बात कह रही है. इसी प्रेस काफ्रेंस में उन्होंने कहा था कि देश का लोकतंत्र खतरे में है. उन्होंने आगे कहा था कि यह मैं नहीं कह रही बल्कि, देश की सर्वोच्च अदालत के न्यायाधीश कह रहे हैं.
जिन्ना को बताया था महापुरुष
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर काफी विवाद हुआ था. इस पर सावित्री बाई फुले ने जिन्ना को महापुरुष करार दिया था. उन्होंने कहा था कि आजादी की लड़ाई में जिन्ना का योगदान था. इसलिए जहां भी जिन्ना की तस्वीर को लगाएं जाने की जरूरत है वहां पर उसे लगाया जाए.
‘दलितों के घर भोजन, दलितों का अपमान’
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के नेताओं के द्वार दलितों के घर भोजन करने को लेकर भी सावित्री बाई फुले ने सवाल उठाए थे. उन्होंने अपने नेताओं के इस कदम को दलितों का अपमान बताया था. उन्होंने इसको लेकर कहा था कि जो परंपरा चल रही है उसमें दलित वर्ग का सिर्फ अपमान हो रहा है. नेता दलित के घर खाना खाने जाते हैं लेकिन खाना बनाने वाला कोई और परोसने वाला कोई और होता है.