विवेक तिवारी केस: हत्या के आरोपी सिपाहियों की मदद में जुटे पुलिसकर्मी, किया फेसबुक पोस्ट

लखनऊ: एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी और उसके साथी संदीप की मदद के लिए पुलिसकर्मी सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं. सेवा नियमों का उल्लंघन कर फेसबुक पोस्ट कर दोनों आरोपी सिपाहियों की आर्थिक मदद की गुहार लगाई गई है.

इस पुलिसवाले ने की मदद की अपील

मोनू सैनी शाब नाम से बने फेसबुक पेज पर पोस्ट में लिखा गया है, “भाइयों, मेरे समस्त आरक्षी भाइयों सभी से निवेदन है कि उक्त दिया अकाउंट नंबर अपने प्रशांत भाई की पत्नी श्रीमती राखी का है. इस दुख की घड़ी में उनका साथ जो भी आप से बने दीजिए.” पोस्ट के साथ राखी के बैंक खाते के डीटेल भी दिए गए हैं. इतना ही नहीं, राखी के स्टेट बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर भी हो रहे हैं.

डीएसपी भी हत्यारे के पक्ष में !

एक महिला डीएसपी श्रेष्ठा ठाकुर ने भी फेसबुक पोस्ट लिखकर आरोपी सिपाही का पक्ष लिया है. अपने फेसबुक पोस्ट में श्रेष्ठा ने लिखा है, “इस घटना की एकमात्र गवाह सना है. जिसके बयान से एक बात निकल के आई कि वो और विवेक गाड़ी रोककर किसी सुनसान जगह में खड़े थे और उसने ये भी बताया कि तभी सामने से पुलिसवाले आए. लेकिन विवेक ने चूंकि लड़की साथ में थी इसलिए गाड़ी नहीं रोकी. इसका मतलब विवेक ने पुलिसवालों से अपनी बात नहीं रखनी चाही. अब सोचने की बात ये है कि उस समय प्रशांत अपनी बाइक से किधर खड़ा था.”

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“गाड़ी पे लगी गोली से पता चलता है कि वो अपनी बाइक से एक चलती हुई एक्सयूवी 500 के ठीक सामने खड़ा था. यहां पे कोई भी प्रशांत को इसलिए दोषी नहीं ठहरा सकता कि उसने खड़ी गाड़ी पे रोका टाकी क्यों की. फिलहाल दो पहिया वाहन से रात्रि गश्त करना खतरनाक हो चुका है. कभी पुलिसवाले रौंदे जा रहे तो कभी पुलिसवाले गोली चलाने पे मजबूर हो रहे हैं.”

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डीएसपी श्रेष्ठा ठाकुर ये भी लिखती हैं, “सना के बारे में जब विवेक की बीवी भी जानती थी, तो विवेक पुलिस देख के क्यों घबराए? पुलिस तो उनकी सुरक्षा के लिए गश्त कर रही थी. उन्होंने गाड़ी क्यों भगानी चाही? प्रशांत की भी कोई दुश्मनी नहीं होगी किसी से. वो तो बस रात्रि गश्त को निकला होगा. उसका भी उद्देश्य किसी की हत्या करना नहीं होगा. तो फिर कैसे ये घटना घटी.”

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