राम मंदिर पर कांग्रेस को समर्थन देने की बात पर पलटे वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष

राम मंदिर पर कांग्रेस को समर्थन देने की बात कहने के बाद अब विश्व हिंदू परिषद ने मामले पर सफाई दी है. वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस को समर्थन देने का कोई प्रस्ताव नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करता, संगठन सिर्फ राम मंदिर बनाने के लिए राजनीतिक दलों से समर्थन जुटा रही है.

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बता दें कि आलोक कुमार ने इससे पहले कहा था कि अगर लोकसभा चुनावों में कांग्रेस अपने संकल्प पत्र में राम मंदिर बनवाने का मुद्दा शामिल करती है तो हम उनका समर्थन करने पर विचार करेंगे. उसने जो प्रतिबंध लगाया है कि संघ के स्वयंसेवक कांग्रेस में नहीं जा सकते उसको वापस ले. आलोक कुमार ने आगे कहा था कि केवल जनेऊ पहनने से कुछ नहीं होगा.

वहीं, राहुल गांधी ने भी राम मंदिर को लेकर कहा कि अयोध्या राम मंदिर मसला अभी कोर्ट में है और आगामी लोकसभा चुनावों में नौकरी और किसानों से जुड़े मुद्दे अहम होंगे.

राम मंदिर पर वीएचपी, बीजेपी के खिलाफ?

वीएचपी के बयानों से कहीं न कहीं लगता है कि वीएचपी का राम मंदिर को लेकर सरकार पर विश्वास डगमगा रहा है. इसका अंदाजा हम आलोक कुमार द्वारा दिए गए बयान से भी लगा सकते हैं. कुंभ में उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में राम मंदिर बनने की अब संभावना नहीं है. हम देश की सारी परिस्थितियों को संतों के सामने रखेंगे और पूछेंगे कि आगे क्या करना है. संत जैसा मार्गदर्शन करेंगे इस अभियान को आगे बढ़ाएंगे.

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वहीं कांग्रेस के नेता भी दबी जुबान में अब राम मंदिर मुद्दे पर समर्थन करने लगे हैं. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी कहा था अब तो राम मंदिर तभी बन पाएगा जब सत्ता में कांग्रेस आएगी. इसके अलावा राज बब्बर ने भी कहा था कि राम मंदिर अयोध्या में नहीं बनेगा तो कहां बनेगा. हालांकि उन्होंने ये भी कहा था कि ये तो कार्ट ही तय करेगा कि मंदिर कहां बनेगा. हर समुदाय के लोग चाहते हैं कि राम मंदिर बने.

खैर, आपको बता दें कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जब मंदिर के ताले खुलवाए थे तो बड़ी संख्या में लोग और हिंदू संगठन कांग्रेस के समर्थन में आगे आए थे. कांग्रेस पार्टी सड़क से संसद तक काफी मजबूत हुई थी. ऐसे में अगर एक बार फिर से कांग्रेस राम मंदिर को अपने घोषणा पत्र में शामिल कर लेती है तो बीजेपी को इसका नुक्सान झेलना पड़ सकता है.

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