बागपत: बेटे की मौत पर इंसाफ नहीं मिला तो मुस्लिम परिवार बना हिंदू, अब योगी से न्याय की उम्मीद

बागपत: यूपी मे धर्म परिवर्तन का मामला अक्सर सुर्खियों में रहता है. अब तक हिन्दू धर्म के लोग या तो धर्म परिवर्तन करते हैं या चेतावनी देते हैं, लेकिन इस बार मुस्लिमो के धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है. बागपत में एक मुस्लिम परिवार धर्म परिवर्तन करके हिंदू बन गया है. इस परिवार ने पुलिस उत्पीड़न और मुस्लिम समाज की अनदेखी के कारण निराश होकर ये फैसला लिया. हिंदू युवा वाहिनी (भारत) की देखरेख में धर्मगुरु ने हवन कराकर इस परिवार के 13 लोगों को विधिवत रूप से हिंदू धर्म स्वीकार कराया. उधर, धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों ने एसडीएम को इस संबंध में शपथपत्र भी सौंपे हैं.

हवन, पूजन कर हिंदू बने

सोमवार को कागजी कार्यवाही पूरी कर इन्होंने हिन्दू धर्म अपना लिया था, लेकिन रीति रिवाज और बिना हवन पूजन के ये धर्म परिवर्तन शायद अधूरा था, इसीलिए हवन पूजन का भी आयोजन किया गया. पंडित ने हवन से पहले वेदी बनाई, नवग्रह की पूजा अर्चना कराई और फिर तिलक कर हवन शुरू कराया. पूरा कार्यक्रम बदरखा गांव के शिव मंदिर में हवन पूजन हुआ… कुछ देर बाद धर्म परिवर्तन का कार्यक्रम सम्पन्न हो गया और अख्तर अली को नया नाम मिला धर्म सिंह.

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क्यों लिया धर्म बदलने का फैसला ?

बदरखा गांव के रहने वाले अख्तर अली कुछ महीने पहले निवाड़ा गांव जाकर रहने लगे. पहले अख्तर अली और अब धर्म सिंह के बेटे गुलहसन की 27 जुलाई को बागपत के निवाड़ा गांव में हत्या हो गई और शव फांसी के फंदे पर लटका मिला. इस हत्या के खुलासे के लिए परिवार के लोग पुलिस से मिले. आरोप है कि पुलिस ने हत्या को आत्महत्या दर्शा दिया. खूब थाने के चक्कर काटे, लेकिन इंसाफ नही मिला, मुस्लिम समाज की भी पंचायत हुई, लेकिन वहां भी इन्हें दुत्कार ही मिली. इसके बाद पुलिस की प्रताड़ना और मुस्लिम समाज के साथ ना देने से पूरे परिवार ने हिन्दू धर्म अपनाने का फैसला कर लिया और एसडीएम बड़ौत के यहां शपथ पत्र दे दिया. इसके बाद अपने गांव बदरखा में आकर धर्म परिवर्तन कर लिया.

धर्म परिवर्तन के बाद मिले नये नाम

धर्म परिवर्तन के बाद अख्तर अली से धर्म सिंह बने और उनके बेटे दिलशाद से दिलेर सिंह, नौशाद से नरेंद्र और इरशाद से कवि बन गए. तीनों की पत्नियों, दो पोते और चार पोतियों का भी धर्म परिवर्तन कराया गया. हालांकि महिलाओं और पोतियों को इस कार्यक्रम से दूर रखा गया. परिवार के बच्चो समेत 7 लोग इसमें शामिल रहे. धर्म बदलने के बाद अब इन लोगों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री योगी से उन्हें इंसाफ जरूर मिलेगा. परिवार की मांग है कि जरूरत पड़े तो पूरे मामले की सीबीआई जांच भी होनी चाहिए.

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हिन्दू युवा वाहिनी (भारत) ने कहा, घर वापसी

धर्म परिवर्तन और नामकरण का विधि विधान से समापन होने के बाद आरती भी की गई. पूरा कार्यक्रम युवा हिन्दू वाहिनी-भारत के सहयोग से सम्पन्न हुआ. कार्यक्रम के दौरान जय श्री राम, हर-हर महादेव और वंदे मातरम् की गूंज सुनाई दी. वाहिनी के जिलाध्यक्ष का कहना है कि इन लोगों ने घर वापसी की है. कार्यक्रम खत्म हुआ तो प्रसाद भी बांटा गया. पूरा गांव इस धर्म परिवर्तन कार्यक्रम का गवाह बना. कार्यक्रम से पुलिस और प्रशाशन ने दूरी बनाए रखी. जिलाधिकारी ऋषिरेंद्र कुमार ने बताया कि बड़ौत तहसील में कुछ लोगों ने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के शपथ पत्र दिए हैं. हत्या के एक मामले की जांच से पीड़ित लोग संतुष्ट नहीं थे. पुलिस ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं.

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