नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि सबरीमाला मामले में संविधान पीठ के फैसले को वापस लेने की मांग करने वाली कई याचिकाओं पर 13 नवंबर को सुनवाई की जाएगी. सर्वोच्च न्यायालय की एक संविधान पीठ ने अपने ऐतिहासिक फैसले में सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष आयु समूह की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति प्रदान की थी.
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प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई 13 नवंबर को सूचीबद्ध कर दी गई है. अदालत ने सोमवार को कहा था कि वह इस बात का मंगलवार को निर्णय करेगी की संविधान पीठ के 28 सितंबर के फैसले पर पुनर्विचार की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी या नहीं. नेशनल एसोसिएशन ऑफ अयप्पा डिवोटीज, नैयर सेवा समाज और 17 अन्य संगठनों ने इस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है.
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तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने 4:1 के बहुमत से यह फैसला सुनाया था. पीठ ने कहा था कि रजस्वला उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं करने देना उनके मूलभूत अधिकारों और संविधान में निहित बराबरी के अधिकार की गारंटी का उल्लंघन है. इस मंदिर में रजस्वला महिलाओं की उपस्थिति को ‘अपिवत्र’ माना जाता रहा है.