राहुल गांधी बोले, महागठबंधन का मकसद मोदी को हराना

अगले साल लोकसभा चुनाव में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए महागठबंधन पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में सोमवार को शीर्ष विपक्षी नेताओं ने बैठक.

11 दिसंबर को 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के रिजल्ट जारी होंगे. वहीं इससे ठीक एक दिन पहले 10 दिसंबर को दिल्ली में विपक्षी दलों की एकजुटता का संदेश देकर मोदी सरकार को घेरने की तैयारी है. साथ ही मंगवार से संसद का शीतकालीन सत्र भी शुरू हो रहा है और इस सत्र के शुरू होने से पहले कांग्रेस विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक हुई.

बैठक खत्म होने के बाद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि,’यह बैठक सबको एक साथ ला रही है. मैंने कमरे में कहा कि इस कमरे की आवाजा देश में विपक्ष की आवाज हैं. महागठबंधन का लक्ष्य बीजेपी को हराना है. भारत के संविधान और हमारे संस्थानों की रक्षा करना है.’ वहीं इस बैठक से अखिलेश और मायावती नदारद रहे.

भाजपा का तंज

वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने विपक्षी दलों की नई दिल्ली में बैठक का उपहास उड़ाया है. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजवर्गीय ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को हटाने के बारे में सोचने से पहले उन्हें प्रधानमंत्री पद का कोई उम्मीदवार घोषित करना चाहिए. वहीं तेलुगू देशम पार्टी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू बैठक का समन्वय कर रहे हैं. उन्होंने सभी गैर-भाजपा दलों के नेताओं को आमंत्रित किया है. सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार ‘बैठक का मुख्य एजेंडा गैर-भाजपा मोर्चा बनाने के लिए भविष्य की कार्रवाई तय करना है.’

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ये पार्टियां हुई शामिल

विपक्ष की बैठक में नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार,  तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी और भारतीय क्मयुनिस्ट पार्टी के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने बैठक में हिस्सा लिया.

साथ ही आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव, द्रविड़ मुनेत्र कषगम के अध्यक्ष एम के स्टलिन समेत राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव भी बैठक में शामिल हुए.

इस मुद्दे पर चर्चा

 जानकारी के मुताबिक, आज हुई इस बैठक में विपक्षी दलों ने सरकारी विधेयकों और राफेल सौदे तथा किसानों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की. साथ ही उर्जित पटेल के इस्तीफे को लेकर भी चर्चा की गई.

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