आगामी लोकसभा चुनाव में कितना असर डालेंगी क्षेत्रीय पार्टियां

लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहै हैं वैसे-वैसे क्षेत्रीय दल एक जुट होते दिखाई दे रहे हैं. सियासी हलचल के बीच राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने समीकरण साधने में जुटी हैं.

सपा-बसपा गठबंधन के बीच 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में निषाद पार्टी, आरएलडी, अपना दल, अपना दल (एस) और एआईएमएआईएम (AIMIM), पीस पार्टी जैसे छोटे दलों को भले ही ज्यादा सीटें न मिलें लेकिन ये सभी दल बीजेपी बनाम विपक्ष के मुकाबले में खुद को संभावित ‘असरदार वोट बैंक’ के तौर पर सहयोगी दलों से पर्दे के पीछे राजनीतिक डील करती हैं. विधानसभा चुनावों में इन दलों का अहम रोल तो होता है, लेकिन लोकसभा चुनाव में ये पार्टियां कोई बड़ा असर तो नहीं करती पर विपक्षी पार्टी को डैमेज करने में कामयाब जरूर होती हैं.

निषाद पार्टी का अपना वोट बैंक

गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उप चुनाव में सपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने वाली निषाद पार्टी ने चुनाव जीतकर अपनी ताकत का एहसास कराकर सपा के साथ गठबंधन का रास्ता साफ करके, अपने जातीय समीकरण को देखते हुए समर्थन की बात कह रही है. 2016 में बनी निषाद पार्टी के संस्थापक डॉ. संजय कुमार निषाद के मुताबिक (निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल) यानि निषाद पार्टी का गठन नदियों पर निर्भर रहने वाले मछुआरों, नौका चलाने वालों के सशक्तीकरण के लिए हुआ था. गोरखपुर उपचुनाव में पार्टी को इसका परिणाम भी मिला. निषाद पार्टी आगामी लोकसभा में इसी जातीय आधार पर पांच से छह सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है और अपने लिए गठबंधन से सम्मानजनक सीट मिलने की उम्मीद कर रही है.

पीस पार्टी गठबंधन के साथ

पीस पार्टी के अध्यक्ष मोहम्मद अयूब विपक्षी गठबंधन का हिस्सा बनने को आतुर दिख रहे हैं. पार्टी अध्यक्ष अयूब के मुताबिक, जो भी उपचुनाव हुए हैं, उसमें पीस पार्टी विपक्षी गठबंधन के साथ पारोक्ष रूप से साथ खड़ी थी. पीस पार्टी का मुस्लिम बेल्ट में असर माना जाता है और लोकसभा चुनाव में भी हम विपक्षी गठबंधन का हिस्सा बनकर मजबूती के साथ चुनाव मैदान में लड़ेंगे.

AIMIM  विपक्ष के साथ उतरेगी मैदान में

असदुद्दीन ओवैसी कि अगुवाई वाली एआईएमआईएम लोकसभा चुनाव में यूपी में अपने उम्मीदवारों को गठबंधन के सहारे उतारने का मन बना रही है. लेकिन सहयोगी दलों के जवाब से पार्टी खुश नहीं दिख रही है. एआईएमआईम के प्रवक्ता के अनुसार, असदुद्दीन ओवैसी की कट्टर छवि के सहारे वो मुस्लिम वोट पाने में कामयाब होगी, अगर गठबंधन हमें नजरअंदाज करता है तो हम भी उसे नजरअंदाज कर पूरी ताकत के साथ प्रदेश में अपने उम्मीदवार उतारेंगे. प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि छोटे दलों से गठबंधन किए बिना 2019 में भारतीय जनता पार्टी को रोक पाना मुश्किल होगा और उनकी पार्टी सहयोगी साबित होगी विपक्षी दलों के लिए.

अपना दल (एस) बीजेपी के साथ

प्रदेश की राजनीति में अपना दल खास अहमियत रखती हैं. अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल एनडीए सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं. अपना दल के प्रवक्ता का कहना, है कि, ‘बीजेपी के साथ हमारा गठबंधन 2007 से है जब हमारी पार्टी के संस्थापक सोनेलाल पटेल थे. 2019 में हम बीजेपी के साथ गठबंधन में लड़ रह हैं.’ रणनीति और शर्तों को लेकर अभी फैसला नहीं हुआ है. लेकिन सैद्धांतिक रूप से हम साथ हैं और हम बीजेपी के विश्वस्त सहयोगी हैं. अपना दल के प्रवक्ता के अनुसार पूर्वांचल में कुर्मी जाति की अच्छी खासी आबादी है. अपना दल ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अपना वोट बीजेपी उम्मीदवारों के पाले में किया था और उन्हें जीतने में मदद भी मिली.

सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) किसके साथ

पूर्वांचल में खासकर वाराणसी, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर क्षेत्र में ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) का मजबूत जन आधार है और इसी के सहारे राजभर प्रदेश की बीजेपी सरकार में मंत्री हैं. SBSP की स्थापना 2002 में हुई थी. जो अति पिछड़ो की राजनीति करती हैं. पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने साफ कर दिया है कि वह अगला लोकसभा चुनाव भगवा पार्टी के साथ केवल तब लड़ेगी जब आरक्षण पर उसकी पूर्व शर्तों को पूरा किया जाएगा.

राष्ट्रीय लोक दल

पश्चिमी यूपी में किसान नेता और जाट बेल्ट में मजबूत राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह गठबंधन के सहारे अपनी राजनीतिक को जिंदा रखे हुए हैं. सपा-बसपा के गठबंधन के बाद भी उन्हें उम्मीद है कि सहयोगी दल उन्हें सम्मानजनक सीटों के साथ हमारा गठबंधन होगा.

क्षेत्रीय दलों का प्रभावी असर

उत्तर प्रदेश में मौजूद निषाद पार्टी, पीस पार्टी, अपना दल एस, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और AIMIM पीस पार्टी जैसी क्षेत्रीय दलों की माने तो सहयोगी दलों को उनका समर्थन अहम साबित होगा. इन दलों का कहना है कि करीबी मुकाबले में वोट बैंक का ट्रांसफर गठबंधन के चुनावी नतीजों पर निर्णायक असर डालता है.

 

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