सीएम योगी के साथ दक्षिण कोरिया की फर्स्ट लेडी पहुंची अयोध्या, देखा भव्य दीपोत्सव

लखनऊ: ये दीपावली अयोध्या का दक्षिण कोरिया कनेक्शन भी आम लोगों के सामने जाहिर होगा. योगी सरकार के भव्य दीपोत्सव का गवाह बना। इसके लिए वहां के राजपरिवार को भी आमंत्रित किया गया, जिसके बाद दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति की पत्नी के अयोध्या में दिव्य दीपावली को देखने पहुंची है।ॉ

दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जुंग सुक अपने चार दिनों के भारत दौरे पर हैं, जहां वो मंगलवार को होने वाले ‘दीपोत्सव’ समारोह की मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करने पहुंची। इस दौरान उन्होने हेलकॉप्टर से उतरे राम, लक्ष्मण और सीता की आरती करके स्वागत किया। इस दौरान राज्यपाल राम नाईक, बिहार के राज्यपाल लाल जी टंडन भी मौजूद थे।

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दरअसल दक्षिण कोरिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अयोध्या को अपनी ननिहाल मानता है. इसके पीछे एक रोचक कहानी है. बताया जाता है कि दो हजार साल पहले अयोध्या के राजा के स्वप्न में भगवान् आये. भगवान ने उन्हें अपनी पुत्री राजकुमारी सूर्यरत्ना को दक्षिण कोरिया भेजने के लिए कहा. आदेश  के मुताबिक़ राजकुमारी को नाव से रवाना कर दिया गया. वहां पहुंचकर उनकी राजा सूरो से शादी हुई. राजकुमारी का नाम रानी हु ह्वांग ओक हो गया. जिनके दस पुत्रों  में से एक ने कोरिया और दूसरे ने जापान की स्थापना की.

कोरिया वालों ने आज से कोई दो सौ साल पहले अयोध्या और अपने देश का रिश्ता खोजा था. इसके तमाम प्रमाण मिले और बाद में अयोध्या में दक्षिण कोरिया की तरफ से एक स्मारक और संग्रहालय भी स्थापित किया गया. दक्षिण कोरिया की आबादी का बड़ा हिस्सा खुद को राजा-रानी का वंशज मानता है. ऐसे वहां साठ लाख लोग हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी दक्षिण कोरिया यात्रा के दौरान अयोध्या और वहां के ऐतिहासिक रिश्ते का जिक्र किया था. दक्षिण कोरिया के लोगों के लिए अयोध्या बहुत आस्था की जगह है. अब जबकि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस दीपावली अयोध्या में भव्य आयोजन कर रही है वहीं दक्षिण कोरिया की तरफ से भी वहां की सांस्कृतिक छठा के दर्शन होंगे. मुख्यमंत्री के साथ दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला भी मौजूद रहेंगी. उल्लेखनीय है कि इस दीपावली सरयू किनारे एक लाख  से ज्यादा दीप जगमग करने की योजना है. वर्ष 2000-01 में जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी, उस समय पता चला कि अयोध्या की एक राजकुमारी  दक्षिण कोरिया में रानी बनी थीं और करीब 2000 साल पहले उन्होंने वहां की वंश परंपरा पर राज किया।

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