आंदोलन की एक सीमा होती है, सरकार पर भरोसा न करें तो क्या करें: राकेश टिकैत

विश्वजीत भट्टाचार्य: दिल्ली में किसानों का आंदोलन खत्म हो जाने के बारे में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के अध्यक्ष चौधरी राकेश टिकैत का कहना है कि आंदोलन की एक सीमा होती है. सीमा के बाहर जाकर आंदोलन करने से वो कमजोर हो जाता है. राकेश टिकैत ने ये भी कहा कि सरकार पर भरोसा करना मजबूरी है और इसी वजह से मोदी सरकार के मंत्रियों ने जो कहा, उसे भी वो देख लेना चाहते हैं.

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खास बातचीत में ये बोले राकेश टिकैत

फोन पर rajsattaexpress.com से खास बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा कि कल यानी 2 अक्टूबर को दिल्ली में किसानों के विशाल प्रदर्शन से मोदी सरकार हिली तो है. उन्होंने कहा कि 10 साल पुराने टैक्स का मसला हो या खेती में इस्तेमाल होने वाले यंत्रों पर टैक्स की छूट हो, सरकार मान गई है. फिलहाल भारतीय किसान यूनियन का मानना है कि उनका ये आंदोलन सफल रहा है.

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ये पूछे जाने पर कि सरकार ने किसानों और सरकारी अफसरों की एक कमेटी बनाने की बात कही है, राकेश टिकैत ने कहा कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ये भरोसा दिया है और उनके दिए भरोसे पर बीकेयू भरोसा करती है. बीकेयू अध्यक्ष ने कहा कि हम देखेंगे कि सरकार क्या करती है. कुछ मसलों पर हमारे और उनके बीच सहमति नहीं बनी. जिन बातों पर सहमति बनी है, उन्हें भी अगर सरकार नहीं मानेगी, तो हम फिर दिल्ली कूच करेंगे.

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इसलिए चुनावी साल में आई आंदोलन की याद

राकेश टिकैत से पूछने पर कि आखिर चुनावी साल में ही किसानों को लेकर दिल्ली कूच क्यों किया, उन्होंने कहा कि हम सरकार से हमेशा मांग करते रहते हैं, लेकिन चुनावी साल में सरकार ज्यादा दबाव में रहती है. ऐसे में इस मौके पर आंदोलन करने की वजह से ही वो अपनी ज्यादातर मांगों को मनवाने में सफल रहे.

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