भोपालः शेल्‍टर होम में मूक बधिर बच्चों से रेप, तीन की मौत, रिटायर्ड सेना जवान गिरफ्तार

इस मामले में आश्रय गृह के तीन लड़कों और दो लड़कियों ने पहले सामाजिक न्यायिक विभाग में इसकी शिकायत की. उसके बाद पुलिस के पास जाकर मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई.

rape-and-murder-alleged-at-the-shelter-home-in-bhopal-Arrested-accused
फोटो साभारः Google

भोपालः बिहार के बाद अब मध्य प्रदेश से भी आश्रय गृह में रहने वाले बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न का मामल सामने आ रहा है. घटना मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित एक निजी आश्रय गृह की है जहां शेल्टर होम में रहने वाले बच्चों ने वहां के मालिक पर लंबे समय से यौन शोषण करने का आरोप लगाया है.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि, इस वजह से वहां रहने वाले तीन बच्चों की मौत भी हो गई है. इस मामले में आश्रय गृह के तीन लड़कों और दो लड़कियों ने पहले सामाजिक न्यायिक विभाग में इसकी शिकायत की. उसके बाद पुलिस के पास जाकर मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई. शिकायत मिलने पर पुलिस ने 70 वर्षीय हॉस्टल संचालक (पूर्व सेना जवान) को यौन शोषण और तीन बच्चों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है.

ये भी पढ़ें- बुआ को बर्दाश्त होगा यह ‘द ग्रेट चमार भतीजा’ ?

मीडिया सूत्रों के अुनसार, आश्रय गृह में रहने वाले बच्चों ने आरोप लगाया कि, “यौन उत्पीड़न के बाद अधिक खून बहने की वजह से एक लड़के की मौत हो गई थी. एक दूसरा दीवार पर सिर लगने की वजह से चोटिल हो गया था, इस वजह से उसकी मौत हो गई. तीसरे को ठंड के दिनों में बाहर में रात बीताने को मजबूर किया गया था, इस वजह से उसकी मौत हो गई.”

रिपोर्ट के मुताबिक, यह आश्रय गृह विभाग के साथ 1995 से रजिस्टर्ड है और इसे फंड मिल रहा है. साल 2003 से यहां 42 लड़के और 58 लड़कियां रह रही हैं. यहां पर पिछले 10 सालों फुल टाईम वार्डन की जगह पर चार शिक्षक देखरेख कर रहे हैं.

घटना सामने आने पर सामाजिक न्याय विभाग के निदेशक कृष्ण मोहन तिवारी ने कहा कि, “कुछ दिव्यांग छात्र हमारे कार्यालय में दुषाषिए के साथ आए थे. उन्होंने हमें हॉस्टल के मालिक द्वारा किए जा रहे शारीरिक और यौन दुर्व्यवहार के बारे में जानकारी देते हुए एक पत्र दिया. हमने कलेक्टर और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को इस मामले में जांच के लिए पत्र लिखा है.”

ये भी पढ़ें- एससी-एसटी एक्ट में पुलिस पर भी शिकंजा, नाजायज़ गिरफ्तारी पड़ जाएगी भारी

आपको बता दें कि, पिछले महीने ही राज्य के मुख्यमंत्री ने राज्य में संचालित सभी आश्रय गृहों और अनाथालय की हर महीने जांच करने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही निजी गर्ल्स हॉस्टल के लिए गाइडलाइन बनाने के भी निर्देश दिए थे.

Previous articleसफाई कर्मचारियों को मौत के मुंह में ढकेल क्या पूरा होगा स्वच्छ भारत का सपना!
Next articleचिराग के बढ़ते हुए कद से परेशान हैं सौतेली बहन?