आरएसएस का चिंतन शिविर आज से, मोदी सरकार पर बढ़ेगा मंदिर को लेकर दबाव ?
चेन्नई में आरएसएस की चिंतन बैठक 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद हो रही है. यह बैठक बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. देश भर में राम मंदिर निर्माण से लेकर आम चुनाव में बीजेपी की स्थिति के बारे में चर्चा की संभावना है.
SWAT पर चर्चा
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ चेन्नई में रविवार से चार दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन कर रहा है जिसमें भारतीय जनता पार्टी और विश्व हिन्दू परिषद् सहित संघ से जुड़े 30 से अधिक संगठन हिस्सा लेंगे. बैठक में राष्ट्रीय स्वयं संघ संगठन के पहलुओं पर गौर किया जाएगा और SWAT (मजबूती, कमजोरी, अवसर, खतरे) का विश्लेषण किया जाएगा. ताकि विशिष्ट संगठनों को अपने राष्ट्रवादी लक्ष्यों में सहयोग मिले.
राम मंदिर के लिए हिंदू प्रतीक्षा नहीं कर सकते
आरएसएस के सूत्रों की माने तो सत्र को भले ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तरफ से नियमित बताया गया है. लेकिन विश्व हिंदू परिषद् को शांत करने के लिए “विस्तृत दिशा निर्देश” दिया जाएगा. जिससे अयोध्या मुद्दे पर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को अपना सके. विहिप ने कहा था, ‘राम मंदिर के लिए हिंदू अनंत काल तक प्रतीक्षा नहीं कर सकते.
चुनावी हार की समीक्षा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए किसी भी अध्यादेश जैसी पहल से पहले मामले का सुप्रीम कोर्ट में निस्तारण हो. आरएसएस के चिंतन बैठक में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की चुनावी हार की समीक्षा के साथ संघ परिवार के 30 से अधिक संगठनों के कार्यो की भी समीक्षा की जाएगी.
मोदी सरकार कानून लाकर मंदिर का निर्माण करें
सर संघचालक मोहन भागवत कई बार सार्वजनिक मंचों से कई बार मोदी सरकार से कानून लाकर मंदिर निर्माण का आह्वान कर चुके हैं. लेकिन सरकार सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर अध्यादेश लाने की बात पर अमल करने में असमर्थता जता रही है. ऐसे में अब जबकि आरएसएस की चिंतन बैठक में वीएचपी समेत बीजेपी से जुड़े लोग हिस्सा ले रहे हैं, तो सबकी नजर इस बात पर है कि क्या इस मंच से कोई नया संदेश निकलकर आएगा या नहीं.