साध्वी प्रज्ञा को जेल में क्या पिलाया जाता था, यह मैं अपने मुंह से नहीं बता सकतीः उमा भारती

साध्वी प्रज्ञा को जेल में क्या पिलाया जाता था, यह मैं अपने मुंह से नहीं बता सकतीः उमा भारती

भोपालः बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के समर्थन में भोपाल में सभा में केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने दिग्विजय सिंह के साथ गांधी परिवार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह जब मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने नर्मदा जी को भोपाल लाने में अड़चन पैदा की थी. भोपाल को भोजपाल बनाने का विरोध भी दिग्विजय सिंह ने किया था. उन्होंने कहा कि भोपाल के लोग स्वभाव से ही दिग्विजय सिंह के खिलाफ हैं. क्योंकि यहां के लोग शांति प्रिय हैं.

उमा भारती ने आगे कहा, ”ये राज आज उजागर कर रही हूं कि उस समय जेल में कसाब को बिसलरी का पानी पिलाया जाता था, लेकिन प्यास लगने पर प्रज्ञा को क्या पिलाया जाता था, ये मैं अपने मुंह से नहीं कह सकती. पिलाते समय साध्वी से कहा जाता था कि तू इसी के लायक है. भाषण के शुरुआत में बोली हैं.”

साध्वी प्रज्ञा सिंह के समर्थन में सभा में हिस्सा लेने आईं केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने साध्वी पर हुए जुल्म की दास्तां सुनाते हुए कहा कि ‘ ये बात मुझे साध्वी प्रज्ञा ने नहीं बताई, लेकिन एक अधिकारी ने साध्वी पर हुए इस जुल्म की दास्तां बताई है. मालेगांव ब्लास्ट में बीजेपी नेताओं के जबरन नाम बुलवाने के लिए साध्वी पर ये अत्याचार किए जाते थे. उमा भारती ने कहा कि हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता. इसका प्रमाण आज भोपाल और देश के मुसलमान हैं. उमा भारती ने कहा कि हमारे यहां खान सरनेम लगा हो तो हम उसे खान चाचा, खान भाई कहते हैं, लेकिन अमेरिका में इस सरनेम पर पूछताछ होती है.

यहां 70 साल की औरतें भी दिखती हैं अप्सरा, आखिर क्या है इनकी खूबसूरती का राज

2019 के लोकसभा चुनाव से दूर हुईं उमा भारती ने अंतिम सांस तक सक्रिय राजनीति में रहने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि मेरे पास अभी बहुत समय है. इस बार का चुनाव गंगाजी के लिए छोड़ा है. कम से कम डेढ़ साल गंगाजी को देना है, लेकिन 2024, 2029 और 2034 का चुनाव जरूर लडूंगी. उन्होंने कहा कि जब चुनाव लड़ना छोड़ दूंगी, लेकिन राजनीति नहीं छोडूंगी. राजनीति अंतिम सांस तक करूंगी.

उन्होंने आगे कहा कि ‘नेहरू-गांधी परिवार में नेहरू असली हैं, लेकिन आज के गांधी फर्जी हैं. गांधीजी की शहादत के बाद इन लोगों ने गांधी सरनेम लगाया है, जबकि असली गांधीवादी उमा भारती जैसे लोग हैं.’

Previous articleयहां 70 साल की औरतें भी दिखती हैं अप्सरा, आखिर क्या है इनकी खूबसूरती का राज
Next articleमध्यम वर्ग परिवार के लिए कम कीमत में सबसे बेहतरीन कार ला रही है टाटा, जरूर जाने कीमत