पांच राज्यों के इलेक्शन ( election) के बाद बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) पर आस्था रखने वाले नेताओं के साथ उनके समर्थकों का भी विश्वास डोल गया है। बीते कुछ दिनों से लगातार ऐसे बयान आ रहे हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी (bjp) और मोदी के लिए आने वाले समय में घातक सिद्ध हो सकते हैं। पहले जहां दलित नेता उदित राज (udit raj) ने आदिवासियों और दलितों की नाराजगी को बीजेपी की हार का मुख्य कारण बताया था।
वहीं अब मोदी के घोर समर्थक और 2014 में मोदी के लिए प्रचार करने माहौल बनाने वाले योग गुरु बाबा रामदेव ने ये कहकर हलचल मचा दी है, कि अगला पीएम कौन होगा वो अभी इस बारे में कुछ नहीं कह सकते। बाबा रामदेव पहले व्यक्ति नहीं है, जिन्होंने बीजेपी की सत्ता वापसी पर संदेह जताया हो। इससे पहले बीजेपी और एनडीए के सहयोगी नेताओं ने हार की आशंका जताई है।
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बाबा रामदेव, योग गुरु
मदुरै में योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि राजनीतिक स्थित बहुत दुविधापूर्ण है। हम नहीं कह सकते कि अगला प्रधानमंत्री कौन होगा। यही नहीं, रामदेव ने लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर भी बड़ा बयान दिया है।
शत्रुघ्न सिन्हा, बीजेपी सांसद
2014 में मोदी के पीएम बनने के बाद से ही बगावत और खिलाफत का दौर शुरु हो गया है। बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने शुरु से ही बीजेपी और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाना खड़ा कर दिया था। शत्रुघ्न सिन्हा ने एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में हार के बाद कहा था कि, मैं ‘वन मैन शो, टू मैन आर्मी है’ के खिलाफ हूं।
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प्रेमदास राय, सांसद, एनडीए सदस्य
इसके साथ ही मोदी और बीजेपी पर लगातार उनके सहयोगी भी सवाल उठा रहे हैं। सिक्किम के एकमात्र सांसद प्रेमदास राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करिश्मा अब धुंधला पड़ता जा रहा है, और विपक्षी दलों का महागठबंधन अगर आकार ले लेता है तो भाजपा के लिए 2019 में सत्ता वापसी करना काफी मुश्किल होगा. प्रेमदास राय की पार्टी सिक्किम डेमाक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा है. प्रेमदास ने कहा कि “हम बतौर एक क्षेत्रीय पार्टी अगला चुनाव जरूर जीतेंगे, लेकिन राष्ट्रीय परिदृश्य को देखते हुए मुझे लगता है कि मोदीजी का करिश्मा धुंधला गया है. भाजपा ने जिस तरह भेदभाव की नीति के साथ काम किया है, उसके परिणाम अब सामने आ रहे हैं.”
उद्धव ठाकरे, शिवसेना, अध्यक्ष
सहयोगियों में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने तीन दिन पहले कांग्रेस के राहुल गांधी की भाषा बोलते दिखे। उद्धव ठाकरे ने मुंबई में एक सभा के दौरान राहुल गांधी के बयान को दोहराते हुए कहा कि ‘चौकीदार चोर है’. जिसके बाद महाराष्ट्र में होने वाले अगले साल विधानसभा चुनाव का सीधा संबंध जोड़ा जा रहा है, जिसका माइलेज लेने के लिए शिवसेना तैयार खड़ी है।
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उदित राज, बीजेपी सांसद
बीजेपी के दिल्ली से सांसद उदित राज ने भी हार के बाद ये बयान देकर चौंका दिया था। कि एमपी छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी की हार के पीछे आदिवासियों और दलितों की नाराजगी है। क्योंकि सरकार ने उनके लिए उतना काम नहीं किया जितनी उनसे उम्मीदें थी।
नितिन गडकरी, केंद्रीय परिवहन मंत्री
नितिन गड़करी ने कहा कि, विफलता में कोई साथ नहीं होता. सफलता का श्रेय लेने के लिये लोगों में होड़ रहती है लेकिन विफलता को कोई स्वीकार नहीं करना चाहता, सब दूसरे की तरफ उंगली दिखाने लगते हैं. राजनीति में जब भी हार होती है तो उसके बाद एक कमेटी बैठती है. लेकिन जब जीत मिलती है तो कोई पूछने वाला नहीं होता है. नितिन गड़करी ने कहा कि, जीत के सभी हकदार होते हैं, हार की जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं होता.