जाम छलका रहे जवानों को रास नहीं आया कैमरे में कैद होना, पत्रकार को बंधक बनाकर पीटा
बिहार में शराबबंदी के दौरान जाम छलकाने की सज़ा आम लोगों को तो मिल रही है लेकिन पुलिसवालों को इसकी ख़ास परवाह नहीं है। मामला बिहार के मधेपुरा जिले का है।
मंगलवार को समस्तीपुर रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले दौरम मधेपुरा रेलवे स्टेशन पर एक निजी टीवी चैनल के पत्रकार और उसके एक सहयोगी समाचार संकलन के लिए पहुंचे थे। एक मामले में प्रतिक्रिया जानने के लिए आरपीएफ थाने के पहुंचते ही वहां जवानों के शराब पीने की उन्हें भनक लगी। पत्रकारों के पहुंचते ही जवानों में अफरातफरी मच गई और शराब की बोतल खिड़की के बाहर फेंक दी।
पत्रकार का कहना है कि जबतक जवान शराब के सबूत हटाते तब तक उनके शॉर्ट्स कैमरे में कैद हो चुके थे। लिहाजा, आरपीएफ जवानों ने पत्रकार को बंधक बनाकर मोबाइल, मोजो किट छीन लिया और तक़रीबन तीन घंटे तक उनके साथ उनके साथ बदतमीजी की। पत्रकार का कहना है कि उसका मोबाइल रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया और मोजो किट के बारे में भी पता नहीं चला है।
घटना की सूचना पर मधेपुरा के दूसरे पत्रकारों ने पहुंचकर बंधक पत्रकार को छुड़ाया। इस दौरान मौका पाकर आरपीएफ के जवान थाने से फरार हो गए। बाद में पुलिस अधीक्षक संजय कुमार को फोन पर घटना की सूचना दी गई और टाउन थाने की पुलिस संरक्षण में उन्हें वापस पहुंचाया गया।
इधर, तबतक आरपीएफ जवानों ने शराब की बोतल को कहीं दूर ठिकाने लगा दिया जो मिल नहीं पाया लेकिन मोबाइल के वीडियो में चखना, पानी और प्लास्टिक के गिलास दिख रहे हैं। रात की घटना के बाद सभी जवान फरार हो गए हैं। इस संबंध में कटिहार रेल एसपी को फोन किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। इधर, नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार सुमन ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।