लोकसभा से तीन तलाक का बिल पास, वोटिंग के जरिए हुआ फैसला

तीन तलाक पर रोक लगाने के मामले को लेकर लोकसभा में गुरुवार को चर्चा हो सकती है. बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को उपस्थित रहने के लिए कहा है, जिसके लिए व्हिप जारी कर दिया गया है. दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी अपने सभी सांसदों की मीटिंग बुलाई है, जिसमें कांग्रेस अपना रूख साफ करेगी. ऐसे में तीन तलाक को लेकर क्या फैसला होगा, ये देखना बेहद दिलचस्प होगा.

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तीन तलाक बिल पर लोकसभा में वोटिंग जारी.

कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने तील तलाक पर वॉकआउट किया.

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सदन में किसी ने तीन तलाक का समर्थन नहीं किया फिर इस बिल का विरोध क्यों हो रहा है.

AIMIM के अध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को डी क्रिमिनल लाईज कर दिया. सरकार चुर रही. अडलटरी को सुप्रीम कोर्ट ने डी क्रिमिनल लाईज कर दिया. सरकार चुर रही. उन्होंने कहा कि अगर हिंदू को तलाक में एक साल की सजा है तो मुस्लिमों को तीन साल की सजा क्यों. क्या यह धारा 14 का उल्लंघन नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार मुस्लिमों के इंसाफ के लिए नहीं है. औवेसी ने कहा कि, गाड़ी से टक्कर में 2 साल की सजा और तीन तलाक पर तीन साल की सजा, ये कैसा न्याय है.

बदरुद्दीन अजमल ने तीन तलाक पर चर्चा के दौरान कहा कि तीन तलाक इस्लाम का हिस्सा नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह इतना बड़ा मुद्दा नहीं है. जितना बड़ा बनाया जा रहा है. उन्होंने तीन तलाक के इस बिल का विरोध किया.

समाजवादी पार्टी से सासंद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि सरकार को इस बिल को वापस लेना चाहिए. और इससे बेहतर बिल लाना चाहिए. धर्मेंद्र यादव ने कहा कि, सरकार  मुस्लिम परिवारों को बांटने के लिए यह बिल लेकर आई है.

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने तीन तलाक पर चर्चा के दौरान कहा कि, जिन लोगों ने कारवां लूटा वही आज इंसाफ की दुहाई दे रहे हैं. स्मृति ईरानी ने कहा कि अगर 1986 के कानून में वो ताकत होती तो सायरा बानो को कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाना पड़ता. स्मृति ईरानी ने राजनीति के मसकद से नहीं इंसाफ के मकसद से यह कानून लाया गया है. उन्होंने कहा कि, इस बिल का कानूनी मान्यता मिलनी चाहिए ताकि मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिल सके.

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि, मजबूत इच्छाशक्ति के जरिए सती जैसी कुरीति को खत्म किया गया. बाल विवाह के खिलाफ कानून बना. हालांकि इस पर भी शोर मचा था कि ये सब धार्मिक रीति-रिवाज हैं. उन्होंने कहा कि, न हमसफ़र न किसी हमनशीं से निकलेगा, हमारे पांव का कांटा हमीं से निकलेगा.

TMC सांसद सुदीप बंधोपाध्याय ने तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि हम अपराधीकरण को बढ़ावा देने वाले इस बिल के खिलाफ हैं.

वहीं इस बीच लोकसभा में AIADMK सांसद अनवर राजा ने कहा कि 3 तलाक बिल मुस्लिम पर्सनल लॉ के खिलाफ है और संवैधानिक अधिकारों का हनन है. उन्होंने कहा कि इसके जरिए मुस्लिम पुरुष और उसके परिजनों को निशाना बनाया गया है. सरकार ने विपक्षी दलों की सिफारिशों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है, पार्टी सांसद ने बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग की है.

भारी हंगामे के बीच लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा जारी है.

सांसद प्रेमचंद्रन ने 3 तलाक बिल का विरोध करते हुए इसके खिलाफ प्रस्ताव भी दिया है. कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने बिल पर चर्चा करते हुए कहा कि हमें ‘मुंह में राम और बगल में छुरी’ से ऐतराज है, बिल से हमें कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए. देव ने कहा कि इस्लाम के रिवाजों में दखल का हक न कोर्ट को है और न संसद को इसके लिए कानून लाना चाहिए.

बिल हुआ पेश, चर्चा जारी

लोकसभा में स्पीकर ने 3 तलाक बिल को चर्चा के लिए पेश करने की मंजूरी दी है, जिसके बाद अब कानून मंत्री ने सदन में बिल पेश किया है. वहीं विपक्षी दलों के सांसद लोकसभा में नारेबाजी कर रहे हैं.

रविशंकर प्रसाद ने कहा ये बिल महिलाओं के सम्मान से जुड़ा हुआ है.

कांग्रेस, TMC समेत कई अन्य दलों के सांसद तीन तलाक बिल को ज्वाइंट सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग कर रहे हैं.

लोकसभा में स्पीकर ने तीन तलाक बिल को चर्चा के लिए पेश करने की मंजूरी दी, जिसके बाद कानून मंत्री ने सदन में बिल पेश कर दिया है

विभिन्न दलों के सांसद वेल में पोस्टर लेकर आ गए हैं, स्पीकर ने हंगामा कर रहे सांसदों से अपनी सीट पर वापस जाने की अपील की. उन्होंने कहा कि बहुत जरूरी बिल पर चर्चा होनी है और सभी राज्यों के अपने-अपने मुद्दे हैं लेकिन पहले इस महिला अधिकारों से जुड़े बिल पर चर्चा जरूरी है.

लोकसभा की कार्यवाही फिर शुरू हो गई है.

तीन तलाक बिल पर चर्चा से पहले कांग्रेस पार्टी एक विशेष बैठक कर रही है और इस बैठक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद हैं. कांग्रेस पार्टी तीन तलाक बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजने की मांग करेगी और बैठक के बाद कांग्रेस अपना रुख और साफ कर सकती है.

रविशंकर प्रसाद – 20 मुस्लिम देशों ने तीन तलाक को बैन कर रखा है. तब एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र भारत क्यों नहीं बैन कर सकता.

रविशंकर प्रसाद – यह बिल किसी धर्म के समुदाय के खिलाफ नहीं है. यह बिल महिलाओं के अधिकारों और उन्हें न्याय दिलाने के लिए है.

सुदीप बंदोपाध्याय, टीएमसी- हमारी मांग है कि बिल को इंट सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए.

मल्लिकार्जुन खड़गे – यह बहुत ही महत्वपूर्ण बिल है. इसमें अभी और अध्यन की जरूरत है. हमं मांग करते है इसे ज्वाइंट सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए. 

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कांग्रेस ने मांगा था आज का समय

सदन में पिछले हफ्ते इस बात पह सहमति बनी थी कि 27 दिसंबर गुरुवार को इस विधेयक पर चर्चा होगी. दरअसल, लोकसभा में पिछले हफ्ते जब मुस्लिम विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018 चर्चा के लिए लाया गया तो सदन में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सुझाव दिया कि इस पर अगले हफ्ते चर्चा कराई जाए, जिस पर संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष से आश्वासन मांगा कि उस दिन बिना किसी रुकावट के चर्चा होने दी जाएगी. वहीं तोमर की इस बात पर खड़गे ने कहा ‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि विधेयक पर 27 दिसंबर को चर्चा कराइए. हम सभी इसमें हिस्सा लेंगे. हमारी पार्टी और अन्य पार्टियां भी चर्चा के लिए तैयार हैं.’

ये हैं कड़े प्रावधान, मीटिंग के बाद कांग्रेस तय करेगी रुख

तीन तलाक को दंडात्मक अपराध घोषित करने वाला विधेयक 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था. इस प्रस्तावित कानून के तहत एक बार में तीन तलाक देना गैरकानूनी और अमान्य होगा और इसके लिए तीन साल तक की सजा हो सकती है. वहीं सरकार ने कुछ दलों के विरोध के मद्देनजर जमानत के प्रावधान समेत कुछ संशोधनों को मंजूरी दी थी. वहीं दसूरी तरफ आज तीन तलाक पर लोकसभा में चर्चा से पहले कांग्रेस सांसदों की बैठक होगी, जिसमें कांग्रेस अपना रुख तय करेगी.

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