महाराष्ट्र के बाद अब बंगाल में ट्रेन पर रार, दीदी की त्योरी चढ़ीं-कहा बिना बताये भेज दीं 36 ट्रेनें

नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिये बस और ट्रेनों का चलाना सियासी दांव पेंच का मुद्दा बन गया है। महाराष्ट्र सरकार से ट्रेन संचालन पर केंद और राज्य सरकार के बीच आरोप प्रत्यारोप अबी थमा नहीं था कि दीदी यानी पश्चिम बंगाल की मुखयमंत्री ममता बनर्जी भी केंद्र पर भड़क उठीं। ममता ने रेल मंत्रालय को आड़े हाथों लेते हुये कहा कि बिना हमारी जानकारी के मुंबई से 36 ट्रेनें आ रही हैं।

यही नहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने महाराष्ट्र सरकार से बात की तो उन्होंने भी बताया कि इस बारे में उन्हें भी देर से जानकारी दी गई। दीदी का गुस्सा यही नहीं थमा। उन्होंने कहा कि रेलवे अपने स्तर पर ही सारी योजनाओं बना रहा है।

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ममता ने कहा कि राज्य अम्फान तूफान की तबाही से जूझ रहा है और ऐसे में रेलवे हर श्रमिक ट्रेनें भेज रहा हैं। उन्होंने कहा कि इसके चलते राज्य में कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका है। ममता ने केंद्र पर आरोप लगाते हुये कहा कि वे मुझे राजनीतिक रूप से परेशान कर सकते हैं लेकिन राज्यों को मुसीबत में क्यों डाल रहे हैं?

बहरहाल ट्रेन पर सियासत खूब रंग दिखा रही है। दूसरी तरफ महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे रेल मंत्रालय पर आरोप लगा रहे हैं कि प्रवासी श्रमिकों के लिये पर्याप्त संख्या में ट्रेनें नहीं दी जा रही हैं। जबकि रेल मंत्री पीयूष गोयल का जवाब है कि हमारी ट्रेन तैयार हैं लेकिन राज्य की तरफ से श्रमिकों के बारे में जानकारी नहीं दी जा रही है। ट्रेन की सियासत के बीच प्रवासी श्रमिकों को ले जा रही ट्रेनों का हाल भी बुरा है। कई ट्रेनें रास्ता भटक गई चुकी हैं। कई मामलों में 30 घंटे की यात्रा 2 से चार दिन में पूरी हो रही है।

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