बीजेपी का हाथ थाम राजनेता बनने चले थे कलेक्टर साहब, जनता ने घर बैठा दिया

रायपुर: रायपुर के पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी के साथ कुछ ऐसा हुआ कि शायद अब वो इसको कभी नहीं भूल पाएंगे. दरअसल, ओपी चौधरी ने राजनीति में खुद की किस्मत आजमाने के लिए आईएएस की नौकरी छोड़ दी, लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद न तो अब वो विधायक बन पाए और आईएएस नौकरी भी नहीं रही. चौधरी खरसिया सीट से विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार उमेश पटेल ने उन्हें मात देते हुए जीत दर्ज की.

अमित शाह की मौजूदगी में थामा था बीजेपी का दामन

जहां ओपी चौधरी को 77 हजार 234 वोट मिले तो वहीं कांग्रेस उम्मीदवार उमेश पटेल को 94 हजार 201 वोट मिले. विधानसबा चुनाव शुरू होने से पहले कलेक्टर ओपी चौधरी ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थामा था. गौरतलब, है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 67 जीतों पर जीत दर्ज कर बीजेपी का सूपड़ा साफ कर दिया है.

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कौन है ओपी चौधरी

ओपी चौधरी साल 2005 बैच के आईएएस थे और उन्होंने अपने पद से इस्तीपा 25 अगस्त को दिया था. रायपुर के कलेक्टर रहे ओपी चौधरी नक्सल प्रभावित इलाकों में काम कर चुके हैं. साथ ही ओपी चौधरी दंतेवाड़ा के कलेक्टर भी रह चुके हैं. वहीं उन्हें रमन सिंह का सहयोगी भी माना जाता है. साथ ही चौधरी उत्कृष्ट कामों के लिए पीएम पुरस्कार का सम्मान मिल चुका है.

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